Rekha mishra

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लेखनी प्रतियोगिता -25-Apr-2022

               कमी मालूम होती है 
तेरे प्यार की गहराई अब मालूम होती है 
तेरे प्यार की सच्चाई अब मालूम होती है। 
मैं समझती थी तू गैर होगा औरो सा 
लेकिन तेरे प्यार की कमी अब मालूम होती है। 
मैं पत्थर दिल नहीं बस कठोरता सामने स्वाभाव मे बनाए रखती हूँ। तू कोमल है मन से भी 
तेरी भलमनसता अब मालूम होती है। 
तू साथ था तो कदर मैने भी ना कि थी 
तेरे प्यार की मौजूदगी की कमी अब मालूम होती है। 
तेरा होना मेरे लिए क्या था,
और अब तेरे ना होने पर तेरे प्यार की कमी अब मालूम होती है। 

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9 Comments

Seema Priyadarshini sahay

28-Apr-2022 09:33 PM

बहुत खूबसूरत

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Shivani Sharma

27-Apr-2022 12:52 AM

Nice

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Shnaya

26-Apr-2022 03:17 PM

Very nice 👍🏼

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